ऐ चलनेवाले
ऐ चलनेवाले तेरी दौड़ मगर उलझी हुई
उलझे सपनों पर सवार तू
परवाज़ को तेरे सवालों का सहारा
मैं साया तेरा,
तेरी रफ़्तार मेरी पहुच से बाहर की तेरा वजूद भी मैं ना तोल सका
तू मुसलसल ख़याल
तू उन्हीं ख़यालों का हिसाब
रुकना तूने कब सीख लिया
अब जो तू आज रुका हुआ
तेरी खुद ही से इतनी करीबी, बेकस, अज्नबी
सवाल तब भी थे, सवाल आज भी हैं
बस ज़मीर में आसमान आज कुछ साफ़ नज़र आता है
थीं आँखें तेरी कहीं तुझ ही में, तेरे ख़्वाबों में मसरूफ़
देखना शायद तूने आज ही जाना
कहीं ख़ौफ़ है, कहीं परवाह है, कहीं बेझारी भी तो कहीं बस खाली नज़र
है क्या हैसियत बहाल तुझे के तू तय करे तुझे देखना क्या है
महदूद तू, तेरी ऑंखें महदूद
तू औरों में भी देखे तेरी कहानी,
तेरी ज़ुल्मत, तेरी गिला, तेरी बेबसी
मगर समझ भी तेरी इसी से, तू आखिर करे भी तो क्या, तू महदूद है
शायद तू परिंदा ही है, हवाओं में ही सही
तू सब्र कर,पंखों में रूककर ज़ोर भर
आज आसमान थोड़ा नम-सा है
कल उठकर तवाना उड़ान भर
मौका फिर एक बार तेरे लिए
कोशिश तू भी कर फिर एक बार
तेरी उलझी दौड़ शायद आसान होजाए
उरूज के बेसब्री तेरी, रफ़्ता-रफ़्ता नज़्म बन जाए
ऐ चलनेवाले तू दौड़ कल
पर आज कुछ पल ही सही, फिर से ज़मीन पर चल
-Siddhitells (sometime in 2020, lockdown)
*meanings of some Urdu words from above
परवाज़- flight
रफ़्तार- speed
वजूद- existence
मुसलसल- continuous
बेकस- helpless
ज़मीर- mind
मसरूफ़- busy
ख़ौफ़- terror/ fear
बेझारी- frustration
हैसियत- capacity/ ability
महदूद- limited
ज़ुल्मत- darkness
गिला- complaint
बेबसी- powerlessness/ helplessness
परिंदा- bird
सब्र- patience
तवाना- powerful/ healthy
उरूज- ascension ( rising to an important position/higher level)
रफ़्ता- slowly/ gradually
नज़्म- poem